बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 1

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मेरी मति मारी गयी थी कि पिछले साल मई की एक दुपहरिया में "मर्द उद्धार शिविर" में एक दोस्त के साथ पहुँचाशायद मेरे दोस्त ने मेरी बीवी के सामने मेरी बोलती बन्द जैसी हालत देख ली थी और मैं मिमियाने वाली स्थिति से बाहर निकल सकू इस लिए मुझे शिविर ले गयाशिविर ,शिविर न हुआ, कोरोना का कन्टेनमेंट जोन हो गया, एक बार अंदर घुश गया तोह बाहर निकल ही नही पाया, उनकी बातें सुन्न तीन बार भागने की कोशिश भी की पर सारे दरवाजे बंद आखिरकार छे घंटे बाद एक अलग इंसान बाहर निकल रहा था जो अपनी बीवी