बिजली तीन दिन से घर से बाहर नहीं निकली थी। घर में भी वो या तो चुपचाप एक कौने में गुमसुम उदास बैठी रहती या फिर तंग सीढ़ियों के सहारे छत पर पहुंच कर रोती रहती। चमकी ने दो- एक बार उसे इस तरह परेशान हाल देख कर कुछ पूछना भी चाहा पर बिजली टाल गई। जब उसने कुछ नहीं बताया तो चमकी ने भी ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। सोच लिया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं होगी। और अपने काम में लग गई।मां को ज़रूर कुछ खड़का सा हुआ कि लड़की काम पर क्यों नहीं जा रही है! लेकिन पूछने