(12) क्यों सूरमा ! क्या अब जिन्दगी में हम फिर कभी आदमी न बन सकेंगे-? आदमी बनने की जरूरत ही क्या है? राजेश ने पूछा । आखिर किसी जरूरत हीं के लिये तो आस्मान वाले ने आदमी पैदा किये हैं- हाँ- मगर हम कुछ लोगों के जानवर बन जाने से आदमियों की कौन सी कमी आ जायेगी। यह भी ठीक है मगर यह तो सोचा सूरमा कि इस तरह हम लोग एकदम से अपने बेगानों से अलग हो गये हैं-अपनी बस्तियों और घरों से... बस खुशहाल--' राजेश ने कहा अब सो जाओ ! इन बातों को याद करते रहोगे तो