स्कूल गर्ल

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वाजिद हुसैन की कहानी- मार्मिक वह स्कूल जाने के लिए फार्म हाउस के बाहर निकली तो अपने दोस्त को ढोर-डंगर चराते देख विचलित हो गई। पूछा, 'स्कूल नहीं जाएगा?' बलवीर ने गमगीन लहजे में कहा, 'पढ़ाई छोड़ दी। ... 'क्यों।' ... 'पापा को सांप ने डस लिया, ढोर-डंगर चराकर गुज़र करता हूं।' ...उसके दादा सतनाम सिंह ने पूछा, 'पुत्तर, रामस्वरूप का मुंडा है?'... 'हां।' ... फिर हमदर्दी के लहजे में कहा, 'मां को लेकर आ जाना, पेंशन बनवा दूंगा। ... बलवीर यादों में खो गया। वह उसके साथ सरकारी स्कूल में पढ़ा है और लुकाछिपी खेला है। वह अमीर बच्चों