सबा - 10

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राजा कुछ बेचैन सा था। दोपहर बाद जब ग्राहकों की भीड़ कुछ कम हुई तब वह कौने वाले शोरूम तक पहुंच कर एक छोटा सा सुंदर पर्स खरीद भी लाया था और उसे सुंदर सी पैकिंग में भी डलवा लाया था। उसे ये तो नहीं मालूम था कि बिजली के पास इस पर्स में रखने लायक पैसों की बचत कब तक होगी लेकिन वो ये ज़रूर जानता था कि इसे देख कर बिजली बेहद खुश ज़रूर हो जायेगी। जन्मदिन पर प्रेमिका प्रेमी से कुछ पाकर खुश होती ही है। और उसकी इस खुशी से राजा को ये मौक़ा हासिल हो