कहानी no - 11किसी सार्वजनिक संस्था के दाक सदस्य चर्चा के लिए गांधीजी के पास वर्धा पहुँचे। बातचीत में गाँधीजी को लगा कि छोटे से काम के लिए दो व्यक्तियों का उनके पास आना उचित नहीं है। गांधीजी से रहा न गया और दोनों से कह दिया ‘आप दोनों को तीन दिन रहने की जरूरत नहीं हैं। कोई एक व्यक्ति वापस लौट जाए।‘ दोनों आंगतुक एक-दूसरे की शक्ल देखते रह गए।गांधीजी ने उन्हें समझाते हुए कहा- 'समय का अपव्यय करना सर्वथा अनुचित है। जिस समय एक व्यक्ति यहाँ काम कर रहा होगा, दूसरा व्यक्ति वापस जाकर वहाँ और कोई काम