भक्तश्रेष्ठ भानुदास जी के पुत्र चक्रपाणि, चक्रपाणि के पुत्र सूर्यनारायण और सूर्यनारायण के पुत्र भक्तराज एकनाथ हुए। इनका जन्म संवत 1590 विक्रमी (1533 ई.) के लगभग हुआ था। इनके जन्मकाल में मूल नक्षत्र था, अत: इनके जन्मते ही इनके पिता का देहान्त हो गया था तथा उसके कुछ काल बाद माता का भी। इनके पिता सूर्यनारायण बड़े मेधावी तथा माता रुक्मिणी बड़ी पतिव्रता और सुशीला थीं। इनका लालन-पालन पितामह चक्रपाणि ने किया। एकनाथ बचपन से ही बड़े बुद्धिमान, श्रद्धावान और भजनानन्दी थे। छठे वर्ष में इनका यज्ञोपवीत संस्कार हो गया था। ब्राह्मकर्म की इन्हें उत्तम शिक्षा मिली। 'रामायण', 'महाभारत' तथा