बिजली चलती- चलती रुक गई। उसने आंखें तरेर कर राजा की ओर देखा और बोली - फिर तूने क्या कहा?- मैं क्या कहता, मैं तो चुपचाप बैठा रहा। राजा मासूमियत से बोला।बिजली बिफर पड़ी और लगभग चीख कर बोली - चुपचाप क्यों बैठा रहा? उस हरामखोर का मुंह नौंच लेता। उसकी हिम्मत कैसे हुई ऐसी बात कहने की? और तू... तू भी तो कम नहीं, उसने कहा और तूने सुन लिया। जवाब नहीं दे सकता था तू उसे?- क्या जवाब देता? राजा बुदबुदाया।- अच्छा?? अब ये भी मैं ही बताऊं कि क्या जवाब देता तू उसे? तेरे कलेजा नहीं है?