यहाँ तेजस्वी ने किशोर को अपने कमरें में कैद करके रखा था और उधर ऋषिकेश में ओजस्वी अपनी छोटी बहन और पति का इन्तजार करती रही,लेकिन दोनों ऋषिकेश ना पहुँचे फिर ओजस्वी ने दोनों को वहाँ से तार भेजा और उसका जवाब भी ना पहुँचा तो ओजस्वी को दोनों की बहुत चिन्ता हुई और अब ये खबर लक्खा सिंह तक पहुँची तो वो एक रात आगबबूला होकर हाथ में कुल्हाड़ी लेकर हवेली पहुँचा,वो किशोर को मारने वहाँ आया था और जैसे ही वो हवेली में कुल्हाड़ी लेकर दाखिल हुआ और तेजस्वी के कमरें वो किशोर को मारने पहुँचा तो तेजस्वी