लक्खा ठाकुर साहब के कहने पर अपने घर वापस तो आ गया लेकिन वो बेला को कभी भूल नहीं पाया और ये कहते कहते साध्वी जी रुक गई तो कृष्णराय जी बोलें... आप रुक क्यों गई,आगे कहिए ना कि फिर ये दुश्मनी अब तक खतम क्यों नहीं हुई लगता है आपको पूरी कहानी जानने की बहुत जल्दी है ,साध्वी जी ने पूछा... हाँ! कहानी जानने की जल्दी तो है ,कृष्णराय जी बोले... वो क्यों भला! ,साध्वी जी ने पूछा... वो इसलिए कि मैं जिसे ढूढ़ने आया हूँ,शायद उस कहानी में उसका कोई सुराग मिल जाए ,कृष्णराय जी बोलें... कृष्णराय जी की बात सुनकर साध्वी