लेकिन फिर कृष्णराय जी को एक दिन के लिए ही अस्पताल में रखा गया और फिर उन्हें साध्वी जी ने अपने निवास स्थान शांतिनिकेतन में बुलवा लिया,शाम के वक्त जब कृष्णराय जी अपने बिस्तर पर बैठें कमरें की खिड़की से बाहर का नजारा देख रहे थे तो तभी साध्वी जी उनके कमरें में आई और उनसे पूछा.... अब कैसा है आपके पाँव का दर्द ? डाक्टर साहब की कृपा से अब ठीक है,उनकी दवाइयों से बहुत आराम लग गया ,कृष्णराय जी बोले... आप कभी पहाड़ पर नहीं चढ़े क्या जो ऐसे बच्चों की तरह फिसल गए ,साध्वी जी ने पूछा... हाँ! नहीं