फिर सुबह के लगभग नौ बज चुके थे और कृष्णराय जी अपना बोरिया-बिस्तर बाँधकर एकदम तैयार थे और तभी रेस्ट हाउस पर रामविलास चौरिहा जी जीप में बैठकर आएं,जीप रेस्टहाउस के सामने खड़ी हुई तो रामविलास चौरिहा जी उस से उतरकर बाहर आएं और रेस्ट हाउस के दरवाजे पर आकर बोले.... कृष्णराय बाबू!आप तैयार हो गए , जी! हाँ! अभी आया ,कृष्णराय जी ने भीतर से आवाज दी... और फिर कृष्णराय जी बाहर आएं तो रामविलास जी ने जीप के ड्राइवर से जीप में सामान रखने को कहा,तब रामविलास जी ने कृष्णराय जी से पूछा... अरे! बंसी कहाँ है,दिखाई नहीं दे रहा ,