लघुकथा क्रमांक 32जनता के सेवक************** "माननीय नेताजी ! क्या कहूँ उस सिरफिरे पत्रकार से ? किसी भी तरह से टलने का नाम ही नहीं ले रहा। कह रहा है आप हमारे प्रतिनिधि हैं तो आपको हमारे सवालों का जवाब देना ही होगा।" नेताजी के मुख्य सचिव ने कहा।"हूँ... एक काम करो। उसे अंदर भेज दो। आज उसे इंटरव्यू दे ही देते हैं।""जी ठीक है..लेकिन वह बड़ा शातिर पत्रकार है, ध्यान रखिएगा।" कुछ देर बाद पत्रकार अपनी टीम के साथ नेताजी के कक्ष में पहुँचा। कैमेरा व माइक वगैरह की उचित सेटिंग के मध्य ही नेताजी कुनमुनाये, " पत्रकार महोदय !