बेजुबान इश्क़ - 2

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सुबह हो चुकी थी। धूप निकल आया था। लोग अपने अपने काम पर जा चुके थे। परंतु सूरज अब तक सो रहा था शायद उसे पता ही न हो कि सुबह हो गई है। जब सूर्य की किरण खिड़की से छन कर सूरज के बिस्तर पर पड़ने लगी। तब जाके सूरज की आँखे खुली। जब सूरज की आँखे सामने टेबल पर रखी घड़ी पर पड़ी तो वो दंग रह गया क्योंकि घड़ी में साढ़े नौ बज गया था। ये देख सूरज तुरंत अपने बिस्तर पर उठ बैठा और कुछ सोचते हुए खुद से बोला, '' ओह! सीट, आज फिर से