वो माया है.... - 24

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(24) दिशा की आँखें खुलीं। अपने आसपास को समझने में उसे कुछ क्षण लगे। जैसे ही सबकुछ याद आया उसका दिल दर्द से तड़प उठा। उसने पुकार का नाम लिया और रोने लगी। मनीषा वॉशरूम में मुंह धो रही थीं। दिशा की आवाज़ सुनकर बाहर आईं। दिशा उठकर कमरे के दरवाज़े तक चली गई थी। मनीषा ने उसे पकड़ लिया। अपनी मम्मी को सामने देखकर दिशा उनके गले लगकर रोने लगी। तब तक नर्स आ गई थी। उसने दिशा को ले जाकर बिस्तर पर बैठाया। उसकी मम्मी उसके पास ही बैठ गईं। दिशा ने रोते हुए कहा,"मम्मी....मेरा पुष्कर चला गया।