नैया - भाग 4 - अंतिम भाग

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नैया सामाजिक उपन्यास चतुर्थ व अंतिम भाग शरोवन तृतीय परिच्छेद व अंतिम परिच्छेद माँझी की दर्दभरी दुर्घटना की खबर कौसानी के मशहूर थिएटर 'नृत्य-संगीत निकेतन' में पलभर में ही जंगल में लगी आग के समान फैल गई । निकेतन की निदेशक श्रीमती राजभारती जिन्होंने माँझी को अपने यहाँ नौकरी दी थी, भी सुनकर आश्चर्य से दाँतों तले अँगुली दबा गईं । फिर क्या था कि तुरन्त ही निकेतन के हरेक कर्मचारी की आँखों में दर्द और विषाद के काले बादल मँडरा उठे । प्रत्येक के ओठों पर विभिन्न प्रकार की बातें थीं । इसके साथ ही माँ