- तेरी पगार कितनी है? - तीन हज़ार! - महीने के? - और नहीं तो क्या, रोज़ के तीन हज़ार कौन देगा रे मुझको? - ऐसा मत बोल, दे भी देगा! उसने कनखियों से लड़की की ओर देखते हुए कहा। लड़की शरमा गई। लड़के ने धीरे से लड़की का हाथ अपने हाथ में लेकर दबा दिया। लड़की के हाथ न हटाने पर वो उत्साहित हुआ। दोनों टहलते हुए बगीचे के गेट पर साइकिल लेकर देर से खड़े कुल्फी वाले की ओर जाने लगे। वो दोनों आसपास की बस्तियों में ही रहते थे। कभी- कभी इसी तरह छिप- छिपा कर यहां