ध्रुव तारा की एतिहासिक कहानी

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राजा उतान्पाद ब्रह्मा जी के पुत्र मनु के पुत्र थे | उनका विवाह एक बहुत ही सुंदर कन्या से हुआ था जिनका नाम सुनीति था | राजा अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे लेकिन उन्हें कोई संतान नहीं थी इसलिए रानी ने राजा को दूसरा विवाह करने कहा | राजा अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे इसलिए उन्होंने मना कर दिया और कहा कि दूसरी पत्नी के आने से तुम्हारा स्थान कम हो जायेगा जिस पर सुनीति ने कहा मुझे आप पर विश्वास हैं ऐसा नहीं होगा | राजा को सुनीति की हठ माननी पड़ी और उन्होंने दूसरा