श्याम बिहारी श्रीवास्तव साहित्य और साहित्यकार मानव समाज को परमपिता परमात्मा की बड़ी देन है। धर्म, अर्थ, काम मोक्ष इन चारों की सिद्धियों में सदसाहित्य का अविस्मरणीय योगदान है। हमारा बुंदेलखंड भी त्रेता के राम से लेकर अद्यपर्यंत महापुरुषों के यश गान में अग्रणी रहा है। आज भी बुंदेलखंड के अनेक दक्ष, प्रवीण, प्रतिभा संपन्न साहित्यकार अपनी कलम से समाज को सही दिशा दिखाने में अपनी महती भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। उन्हीं में से किसी किसी का चिंतन इतना व्यापक होता है कि वह सैकड़ों व्यक्तियों की चेतना को प्रभावित कर देता है। अविश्रांत साहित्य साधना रत डॉ.