क्या तुमने - भाग - ४

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मोहन के मन में शक की चिंगारी ऐसी भड़की कि उसने अपने घर में ही आग लगा दी। बसंती जब भी गोविंद से बात करती, मोहन को बिल्कुल पसंद नहीं आता। वह धीरे-धीरे उन दोनों के ऊपर शक करने लगा। गोविंद तो बसंती को अपनी छोटी बहन ही समझता था। कभी-कभी हंसी मज़ाक भी कर लेता था। वह सपने में भी ऐसा नहीं सोच सकता था कि उसके भाई की सोच इतनी मैली है। बसंती भी गोविंद को अपने बड़े भाई की तरह ही मानती थी। उसे पढ़ने का बहुत शौक था, पर वह पढ़ नहीं पाई थी। इसलिए वह