तो ये कहानी है ऐसी मां की जो अपने बच्चो की खुशी के लिऐ अपनी खुशी दाव पे लगा देती है ।जी हां, मैं हर उस मां के लिए के रही हूं जो अपनी पूरी जीवन को त्याग कर अपने परिवार के लिए समर्पण कर देती है चाहे वो कितना भी बड़ा और कितना भी छोटा त्याग हि क्यों न हों।वो मां ही होती है जो अपना पेट काट कर अपने हिस्से का खाना अपने बच्चो को खिलाती है ,वो मां ही होती है जो बच्चे को चोट लगने पे मां रोती है ,वो मां ही है साहब जो अपना