रेस्ट हाउस के आगें जैसे ही फारेस्ट आँफिसर गजेन्द्र सिंह की जीप रुकी तो रेस्ट हाउस का चौकीदार मलखान जीप के पास आकर बोला.... "नमस्ते साहब!" तभी जीप का ड्राइवर सुखवीर जीप से उतरा और मलखान से बोला... "कैसें हो मलखान"? "अच्छा हूँ ड्राइवर साहब",मलखान बोला... "ये हैं हमारे नए साहब,ये इस इलाके का दौरा करने आए हैं और दो चार दिन यहीं रुकेगें",सुखवीर बोला... "बहुत अच्छी बात है",मलखान बोला... "तो साहब का सामान जीप से उतारकर कमरें में पहुँचा दो",सुखवीर बोला... "जी!साहब!", और ऐसा कहकर मलखान ने फारेस्ट आँफिसर गजेन्द्र सिंह का सामान जीप से उतारा और रेस्ट हाउस