बसंती अपने माता पिता और बड़ी बहन जयंती के साथ झोपड़ पट्टी की एक खोली में रहती थी। उसकी उम्र अभी 15 साल ही थी। बसंती के पूरे परिवार में उसे छोड़कर बाक़ी सभी श्याम रंग के थे लेकिन वह तो मानो जैसे चमकता हुआ सोना हो; ऊपर से सुनहरे बाल उसकी सुंदरता में चार चांद लगा देते। झोपड़ पट्टी में सबसे अलग खूबसूरती का लिबास पहने बसंती को देखकर ऐसा लगता था मानो कीचड़ में यह कमल का फूल खिल गया हो। बसंती की बड़ी बहन जयंती के विवाह की तैयारियाँ चल रही थीं। गोविंद और जयंती एक दूसरे