मैं तो ओढ चुनरिया - 41

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मैं तो ओढ चुनरिया    41   इन मामी को पहली बार रसोई में हलवा बनाना था । सब को मीठा खिला कर मीठे से जिंदगी की शुरूआत करनी थी । ये जैसे ही आटा भूनने बैठी तो आटा कहीं से जल गया , कहीं से कच्चा रह गया । घबरा कर जल्दी में पानी मिलाया तो आटे की गुठलियां बन गई । यह देख कर वे बुरी तरह से डर गई और जोर जोर से रोने लगी । उनके रोने की आवाज सुन कर मंझली मामी जो कमरे में बेटे को दूध पिला रही थी , वे दौङी आई