प्रेम गली अति साँकरी - 70

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============== आखिर अम्मा को बताना ही पड़ा कि मैं श्रेष्ठ के साथ कंफ़रटेबल नहीं थी | दोपहर का समय था, इस समय लगभग शांति सी ही रहती थी संस्थान में ! सुबह की कक्षाएँ समाप्त हो जाती थीं और एक तरह से सबका ही यह‘लेज़ी टाइम’ होता था फिर संध्या की कक्षाएँ शुरू होतीं जिसके लिए संध्याकाल पाँच बजे के करीब फिर से सब संस्थान में आने शुरु होते |  दोपहर में सब लगभग रिलैक्स मूड में ही होते और अपने घरों को चले जाते या अपने चैंबर्स में संस्थान में ही रिलैक्स करते | एक उत्पल था जो अपने