नई दिशा

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नई दिशा ======== आज रात ठीक से नींद नहीं आई. मन में कुछ बेचैनी-सी है। सोचने की कोशिश कर रही हूँ आखिर ऐसी क्या बात है जिसके कारण नींद नहीं आई और कुछ याद भी नहीं आ रहा। कभी-कभी ऐसा हो जाता है। चलो अच्छा हुआ आज जल्दी उठ गई आज अपने सामने सूर्य उदित होते हुए देखूंगी कितना सुंदर प्रतीत हो रहा है सूर्य की लालिमा कितनी अद्भुत है। धीरे-धीरे सूर्य अपने रूप में बढ़ने लगा। तभी मेरे कानों में सिया का स्वर सुनाई दिया... "ज्ञानी मैडम जी आज जल्दी जाग गई क्या?” हमने कहा..."अरे हाँ-हाँ।" तब सिया ने