मैं तो ओढ चुनरिया - 40

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  बड़ी मामी का मायके का परिवार भरा पूरा था । छ सात बहनें और चार भाई । तीन बहनों और एक भाई की शादी हो चुकी थी । अभी तीन बहनें और तीन भाई कुंवारे थे । मामा की बीमारी में उनका हालचाल पूछने अक्सर भाई आते रहते थे । उनमें से राम भाई के साथ छोटे मामा की दोस्ती हो गई । ये राम मामा रेलवे में फर्स्ट क्लास के डिब्बे में कंडक्टर थे । हमेशा वर्दी में सजे रहते । छोटे मामा ने इन दिनों साबुन बनाने का कारखाना खोल रखा था । इस काम में मेहनत