गिरिराज वापस से सोफे पर बैठते हुए बोला " अरे प्रेम की भाषा ई सब नही समझती हैं । खाली जुता लात की भाषा समझ में आती है । औरत पैरों की जूती होती हैं और जूती पैर में ही शोभा देती हैं । सर पर रखोगे तो दुनिया पागल कहेगी । " " काहे ऐसी बाते कर रहे हों । " कुंदन कह ही रहा था की तभी गिरिराज उसकी बात बीच में काटते हुए बोला " तुम बच्चे हो नही समझोगे । जब बीवी नाम का फंदा तुम्हरे गले में पडेगा न तब समझ आएगा । एक बात