वो माया है.... - 16

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(16)माया रविवार छोड़कर हर रोजं विशाल से गणित पढ़ने आती थी। अब वह बहुत खुल गई थी। उमा के साथ खूब बातें करती थी। किशोरी को भी वह अच्छी लगती थी। इसलिए पढ़ाई पूरी होने के बाद भी देर तक वहीं रहती थी। मनोरमा अक्सर कहती थीं कि माया को यहाँ इतना अच्छा लगता है कि अगर उसका बस चले तो यहीं रहने लगे। उमा भी अगर कुछ खास बनाती थीं तो माया के लिए बचाकर रखती थीं।माया सिर्फ उमा और किशोरी के साथ ही नहीं खुली थी। जब बद्रीनाथ घर पर होते थे तो उनसे भी हंसकर बात करती