Reality Of So Called Reality

  • 4.7k
  • 1
  • 1.6k

।। पत्र ।।क्या किसी के भी प्रति पूरी तरह जाने बिना उसके लियें राय बना लेना सही हैं, तुम्हारे लियें यदि कोई ऐसा करें तो क्या तुम्हें ठीक महसूस होयेगा? यदि नहीं तो ऐसा मत करों, हाँ! मुझें पूरा जाननें के लियें बहुत धैर्य चाहियें क्योंकि मैंने मानव मस्तिष्क की हर गहराइयों को छुआ हैं, मन की मूल यानी जागरकता का मन की हर परत से परें होकर स्पष्ट अर्थात् शुद्ध अनुभव किया हैं; मुझें जानना जटिल मस्तिष्क को जाननें या मुझें जाननें के लियें धैर्य रखना यानी शांति बनायें रखना उस मन को पूरा जाननें के लियें धैर्य रखने