पूरी दुनिया चहेरो से ढकी हुई है | पर किसी का असली चहेरा सामने नहीं आता | लोग अपने आप को ही तरह - तरह के चहेरो के पीछे छुपा देते है | पता नहीं चलता की किसी का असली रूप क्या है | जो शख्स कल - तक हमारे साथ था | वो एक ही पल मे अपना नकाब हटा कर अपना असली रूप दिखा देता है | फिर हमे पता चलता है की | कल - तक हम जिसे अपना समजते थे | वो दर असल हमारा था ही नहीं | वो चहेरा तो सिर्फ दिखावे