एक कहानी

  • 3.5k
  • 1.6k

कभी कभी इंसान हार जाता या वे टूट जाता हैं।लोगो को क्या पता होता है की वे इंसान सबके सामने अपना हंसते हुए सबके सामने मिलता है पर उसकी सच्चाई कुछ और ही है। कभी कभी पता नही चलता की इंसान कब खुश होता और कब बदल जाता हैं ।जिंदगी में सबको हसकार मिलना मेरा काम है, सबको खुश रखना मेरा काम है पर कोई मुझे ये नही पूछता की तुम क्या सच में खुश हो की नही । अपने एक एक आसू को में हमेशा किसी की याद में या किसी की खुशी के रोया हैं। अगर में किसी