किसान पुराण आड़ा वक्त -प्रतिभा पाण्डेय

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समीक्षा लेखकिसान पुराण :आड़ा वक़्तप्रो0 प्रतिभा पाण्डेय प्रेमचंद के पहले किसान से जुड़े उपन्यास बहुत कम संख्या में पाए जाते हैं। स्वयं प्रेमचंद ने भी शुरू में किसानों पर ध्यान केंद्रित नहीं किया, बल्कि मध्यवर्ग के कथानक अपनी कृतियों के लिए चुने। निर्मला व गबन जैसे उपन्यासों के बाद उन्होंने किसानों पर अपना ध्यान केंद्रित किया और गोदान जैसा अनूठा उपन्यास अस्तित्व में आया। इसके बाद प्रेमचंद केवल किसानों व ग्रामीणों तथा खेतिहर मजदूरों के कथानकों का चयन करने लगे। चूंकि हिंदी कहानी में प्रेमचंद के पूर्व किसानों से जुड़ी कथा की कोई परंपरा नहीं थी, इसलिए आज जब किसानों