मैं पापन ऐसी जली--भाग(३६)

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अब सरगम राधेश्याम से बात ना करने के बहाने ढूढ़ती रहती क्योंकि उसे पता था कि अगर उसने राधेश्याम से बात की तो वो उसे फिर से अपने प्यार की दुहाई देने लगेगा और उसकी बातों से उसका दिल दुखेगा, इसलिए सरगम अपने काम निपटाती और फिर अपने कमरें में चली जाती ताकि उसका सामना राधेश्याम से ना हो ..... अब राधेश्याम बिल्कुल से ठीक हो चुका था और सरगम की छुट्टियांँ भी खतम हो चुकीं थीं,इसलिए उसकी फिर वही दिनचर्या शुरु हो गई,लेकिन अभी राधेश्याम ने काम पर जाना शुरू नहीं किया था,क्योंकि अभी उसे थोड़े और आराम की