मैं पापन ऐसी जली--भाग(३१)

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शास्त्री जी मिसराइन वाली बात को लेकर काफी परेशान थे,रात को जब उन्होंने ठीक से खाना नहीं खाया तो सरगम को महसूस हुआ कि बाबा को उसका यूँ सुनन्दा भाभी को उकसाना अच्छा नहीं लगा ,इसलिए जब शास्त्री जी खाना खाकर अपने कमरें में चले गए तो राधेश्याम को खाना खिलाने के बाद सरगम ने भी खाना खाया और फिर सरगम ने राधेश्याम से कहा... "लगता है बाबा को मिसराइन काकी के परिवार के बीच में मेरा पड़ना अच्छा नहीं लगा,तभी वें इतने परेशान हैं", "मुझे भी ऐसा ही लगता है",राधेश्याम बोला... "तो अब मैं क्या करूँ? मैं बाबा को