मैं पापन ऐसी जली--भाग(२७)

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सरगम को सफर में एक परिवार मिल गया था,जिनसे बातें करते करते और उनके बच्चों के साथ खेलते खिलाते सरगम का सफर अच्छे से कट गया था और फिर ट्रेन लगभग सुबह के चार बजे बनारस पहुँच गई,वो परिवार भी बनारस ही जा रहा था और वें सभी भी बनारस रेलवें स्टेशन पर उतरे और सरगम उन्हें अलविदा कहकर रेलवें प्लेटफार्म के बाहर आई ,जहाँ बिलकुल सन्नाटा था,इक्का दुक्का लोग ही दिख रहे थे वो भी चाय की टपरियों पर और फिर सरगम कुछ दूर चली और फिर सोचा पहले पता तो देख लूँ कि मुझे जाना कहाँ है तब