अनुच्छेद- 31 विकल्प डेयरी पहली तारीख । आज ही विकल्प डेयरी का उद्घाटन । यद्यपि उद्घाटन भँवरी देवी को ही करना है पर बिना अंजलीधर के संभव नहीं। माँ जी भी सवेरे चार बजे से ही तैयारी कर रही हैं। नहा धोकर पति के चित्र के सामने खड़ी हो गईं। 'तुम्हारा ही छूटा हुआ काम कर रही हूँ। देखना इसे रिक्शा पहले से ही तय कर रखा था। सुबह छह बजे उन्हें हठीपुरवा पहुँचना ही है । वे लड्डू के पैकेट और कैमरा साथ लिए रिक्शे पर बैठ गईं । विपिन और कान्तिभाई को भी पहुँचना था। माँ अंजली का