अपना आकाश - 28 - हम तो अभी डकैत है माँ जी

  • 3.1k
  • 1.6k

अनुच्छेद- 28 ‌ ‌ हम तो अभी डकैत है माँ जी हठीपुरवा के किनारे एक छतनार पाकड़ का पेड़ । उसकी छायामें बैठना सुखद। आज पाँच बजे सायं अंगद ने एक बैठक बुलाई है गाँव के विकास के सम्बन्ध में विचार के लिए। अंजली-वत्सला ही नहीं, इसमें कान्तिभाई भी आमंत्रित हैं। पांच बजते बजते कान्तिभाई साइकिल चलाकर तथा अंजली और वत्सला रिक्शे से गाँव पहुँच गए। अंगद ने पाकड़ के नीचे दरी बिछा रखी है। अंजली का कुछ ऐसा आकर्षण है कि उनका रिक्शा दिखते ही पुरवे के नर-नारी उनका स्वागत करने के लिए चल पड़ते हैं। अंजली का रिक्शा