ताश का आशियाना - भाग 29

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इसलिए वो वहा पे आंखे बंद कर बैठा रहा।खुदका सिर, दीवार को टीका, सिर्फ छत की तरफ एकटक देखने लगा।पाच साल पहले भी यही हुआ था। बस सिचुएशंस कुछ अलग थी।सिद्धार्थ ने नया नया काम करना शुरू किया था।बैंगलोर के शंकर त्रिपाठी के ट्रैवल एजेंसी में टूर गाइड काम करता था।जब उसके काम से खुश होकर एक फॉरेन यात्री, फ्रेंज मार्विक ने उसे ब्लॉग लिखने का आइडिया सुझाया तो वो उसपर भी काम करने लगा।जब एक डेढ़ सालो में लोगो को ब्लॉग पसंद आए तो व्यूअर के सुझाव के चलते वीडियो डालना भी शुरू किए, उसी समय तुषार की एंट्री