नियति

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नियति  ..(कहानी) कहानीकार ....डॉ.भावना शुक्ल चारों ओर की आवाजें बच्चों का शोर ,मंदिर जी शंख ध्वनि का स्वर नियति को बैचैने कर रहा था .तभी माँ की आवाज से उसकी तंद्रा टूटी. बेटा नियति क्या हुआ ?सर क्यों पकड़ रही हो आज अभी तक उठी नहीं? बोली-“माँ उठ गई हूँ, “ पता नींद में कैसा शोर सुनाई दे रहा था । माँ कितने बजे है अभी। माँ ने कहा– यह शोर अपने आस पास का है अभी नौ बजे है,तुम्हें उठने में देर हो गई आज क्या कॉलेज नहीं जाना है? नियति- क्या? नौ बजे है, आज तो मैं कितना सोई