सरगम ने अपनी माँ को खत लिखकर सूचित ही कर दिया था कि वो कहाँ रह रही है,अब सरगम ने सोच लिया था कि वो पुरानी बातों को अपनी जिन्दगी में नहीं आने देगी और अब अपनी जिन्दगी नए सिरे से शुरु करेगी और फिर जब वो एक महीने बाद बिल्कुल से स्वस्थ हो गई तो उसने मनप्रीत जी से अपने घर जाने की बात कही तब मनप्रीत जी बोलीं.... "पुत्तर! ठीक है तो कब जाना चाहती है तू"? "सोचती हूँ कि कल ही चली जाऊँ",सरगम बोली.... "इतनी जल्दी क्यों जाना चाहती है पुत्तर"?,मनप्रीत जी ने पूछा... "माँ!इन्तज़ार करती होगी