और 2019 का दिसम्बरइस साल में मेरी माँ का देहांत हो गया।बेटे की तबियत बहुत अच्छी नही चल रही थी।इस बीच मे दो बार उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।और इधर आर्थिक संकट31 दिसम्बर को मैने गुस्से में बेटे से न जाने क्या कह दिया।उस समय दो दुकानें थी।एक किराए की दूसरी अपनी।मैने भी दुकान पर बैठना शुरू कर दिया।लोग अकेला देखकर बेटे को तंग न करे इसलिए उसके साथ उसकी पत्नी को भी बैठता था।लोग धमकियां दे रहे थे।डर यह लगा रहता कही लोग पोतों के साथ कुछ गड़बड़ न कर दे।इसकी आसंका हमे थी और ssp को शिकायत