मैं पापन ऐसी जली--भाग(८)

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आदेश के घर पहुँचते ही उसकी माँ शीतला के पैर खुशी के मारे धरती पर नहीं पड़ रहे थे,आदेश जैसे ही द्वार पर पहुँचा तो शीतला आरती की थाली लेकर द्वार पर आ पहुँची,फिर वो अपने बेटे की नज़र उतारकर उसे भीतर ले गई और फौरन ही रसोई में जाकर सरगम से चाय नाश्ता लाने को कहा,उस समय भानू घर पर नहीं थी,उसका आज कोई जरूरी प्रैक्टिकल था काँलेज में इसलिए उसे मजबूरी में ना चाहते हुए भी काँलेज जाना पड़ा,भानू घर पर नहीं थी इसलिए सरगम को चाय और नाश्ता देने बाहर आना पड़ा..... सरगम चाय और नाश्ते की