तभी भानू की माँ शीतला बोलीं.... "बेटा अब इतने दिनों बाद आएं हो तो रात का खाना खाएं वगैर तो ना जाने दूँगी..." "अब आप इतना जोर देकर कह ही रहीं हैं तो खाना खाकर ही जाऊँगा आण्टी!,"कमलकान्त बोला.... "जैसें कि माँ ना कहती तो तुम खाएं बिना ही चले जाते,तुम्हारे जैसा भुक्खड़ खाना छोड़़ दे,ऐसा कभी हो सकता भला,"भानूप्रिया बोली.... "ये बात तो है,खाना मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है,मुझे कोई कहीं भी खाना खाने के लिए बुला ले तो मैं चला जाता हूँ,फिर वो चाहें भण्डारा हो या फिर किसी की तेहरवीं या श्राद्ध,मैं बेशर्मी और बिना संकोच के