सात सुरों के मेल को सरगम कहा जाता है,ये एक ऐसी ही लड़की की कहनी है जिसका नाम सरगम है,जिसका जीवन उसके नाम की तरह संगीतमय था जो स्वरबद्ध और तालबद्ध था लेकिन फिर उसके जीवन के सुरो का तालमेल बिगड़ा और उसके जीवन की सरगम के स्वर और ताल बिखर गएं, क्योंकि इस पुरूषप्रधान संसार में नारी का कोई अस्तित्व ही नहीं है,प्रसिद्ध दार्शनिकों के अनुसार सृष्टि की रचना करते समय अहं था जो पहले पुरुष में प्रकट किया गया और स्त्री में बाद में इसलिए औरत का अहं पुरूष से कभी बरदाश्त नहीं होता, प्रारम्भिक दार्शनिकों का दृष्टिकोण