एक गांव में रहने वाला एक गरीब लड़का था जिसका नाम रामू था। रामू की परिस्थितियां बहुत मुश्किल थीं और उसे हर दिन भूख से लड़ना पड़ता था। वह एक बेहद समर्थ व्यक्ति था, लेकिन संयम, निरंतर परिश्रम और संकोच बाधा बने रहते थे।एक दिन, रामू के सामने एक आदमी आया, जिसके पास एक ज़रूरतमंद गांव के विद्यार्थी के लिए एक छोटी सी छात्रवृत्ति थी। यह देखकर रामू में संकोच हुआ, लेकिन आदमी ने उसे प्रेरित किया कि वह छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें। रामू ने सोचा कि इससे उसे अधिक पढ़ाई का मौका मिलेगा, और उसने साहस संग आवेदन