लघुकथा क्रमांक 15रोटी------रज्जो का पति कल्लू शहर में दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। बेरोजगारी की मार झेल रहे कल्लू ने बहुत दिन हुए शहर से कुछ नहीं भेजा था। आज लगातार तीसरा दिन था जब घर में चूल्हा नहीं जला था। बड़ी बेटी ग्यारह वर्षीया निशा का भूख के मारे बुरा हाल था। वह अपनी परवाह न कर भूख की वजह से बिलख रही सात वर्षीया मुनिया को चुप कराने का प्रयास करते हुए खुद भी रोये जा रही थी। दोनों बच्चों को रोता बिलखता देखकर रज्जो का कलेजा मुँह को आ गया। घर में बर्तन के नाम पर