आरोही अब सच में अफसोस कर रही थी, ये कैसी गलती हो गई उससे! अमित ने कहा था कि ज्यादा आज्ञाकारी मत बनो, पर उसे ही भूत सवार था कि घरवालो को कम से कम बता देना सही है। अमित ने कहा भी था कि "आरोही! तुम्हारी बात समझेगा कोई नहीं, फालतू का माहौल खराब होगा घर का, पापा जी को मैं अच्छे से जानता हूँ।"आरोही को घर में सदस्यों के बीच हर बात शीशे की तरह आर पार पसंद थी। पढ़ी लिखी अपने पैरों पर खड़ी आरोही हाल ही में इस घर में बहू बन कर आई थी। सासू