दर्द ए इश्क - 45

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रेहान और तान्या स्मृति की दादी जिस अस्पताल में थी वहां पहुंचते है। जैसे वह दोनो वार्ड की ओर आगे बढ़ते है तो देखते है स्मृति बेंच पर बैठे हुए रो रही थी। तान्या जल्दी से स्मृति के पास जाते हुए उसके कंधो पर हाथ रखते हुए उसे हौंसला देती है। स्मृति तान्या के कंधे पर सिर रख कर कहती है ।स्मृति: पता नहीं क्या होगा!? एक नानी ही है यार जिसे मैं अपना परिवार कह सकती हूं! अगर वो भी चली गई तो...! ।तान्या: ऐसा कुछ नहीं होगा डोंट वरी सब कुछ ठीक हो जाएगा ।रेहान: डोंट वरी मैंने