भारतीय रंगमंच का इतिहास - 2

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रंगमंच का इतिहास 2  पाश्चात्य रंगमंच शैलेंद्र बुधौलिया पाश्चात्य रंगमंच का प्रादुर्भाव सर्वप्रथम यूनान देश में हुआ , जिसे इतिहासकारों ने थिएटर ऑफ डायोनिसियस की संज्ञा दी है।  यूनानीयों को प्रकृति में अपार श्रद्धा थी क्योंकि उसी में से उन्हें महान शक्ति का अनुभव हुआ था, विशेषकर प्रकृति के परिवर्तनशील दृश्यों को देखकर तथा उसके अटल नियमों को अनुभूत कर यूनानीयों ने प्रकृति में एक देवी शक्ति की कल्पना की जो मानव की सुख समृद्धि और संतोष देने वाली थी । उसी शक्तिमय कल्पना के सहारे स्वभाव तथा यूनान वासियों ने अपने आदि देवता के रूप निर्माण और पूजा आराधना